प्रयागराज के 10 घूमने वाले स्थान जिन्होंने अब तक नहीं देखा होगा
1. कुंभ मेला
प्रयागराज में कुंभ मेले का आयोजन मकर संक्रांति के दिन से होता है वैसे तो कुंभ मेला अवतार लगता है लेकिन 6 साल में एक बार अधिक उम्र लगता है और 12 साल में महाकुंभ लगता है जिसमें अनेकों राज्य से लोग आकर इस प्रयागराज की धरती पर संगम पर जाकर स्नान करते हैं और इस मेले का उठाते हैं महाकुंभ मेला प्रयागराज में हर 12 साल में आयोजित होने वाला एक विशेष धार्मिक मेला है
यह सबसे बड़ी मानवता वाला हिंदू मेला है जिसमें लाखों की संख्या में श्रद्धालु भारत के तमाम राज्यों से इकट्ठा होते हैं और यहां आकर अपने आप को गंगा जमुना और सरस्वती के पावन जल से पवित्र करते हैं पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु जब अमृत कलश लेकर जा रहे थे उसकी कुछ बूंदे प्रयास में भी गिरी थी यह तब हुई थी जब असुर और देवताओं के बीच संघर्ष चल रहा था या हरिद्वार नासिक और उज्जैन ऐसे मनाती तस्लीम की बूंदे गिरी थी जिस कारण यहां आकर व्यक्ति स्नान करने पर अपने आप को मोक्ष प्राप्त करने योग्य मानता है
2. संगम
प्रयागराज जो कि पुराना नाम इलाहाबाद से बहुत ही प्रचलित है पुराने समय से आज जो प्रयागराज के नाम से जाना जा रहा है बहुत बड़ी मछली मानी जाती है पूरे भारत में यहां पर धार की सबसे बड़ी नदियां गंगा यमुना सरस्वती का मिलन होता है जिसके नाम से जाना जाता है या पवित्र स्थान हिंदू और जैन धर्म के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से सर्वोच्च स्थान प्राप्त है
यहां पर जैन धर्म और सनातन धर्म के अनुयाई आकर अपना अधिक से अधिक समय व्यतीत करते हैं जिससे उनको मोक्ष की प्राप्ति हो सके महाकुंभ के दौरान काफी बड़े-बड़े धर्मगुरु यहां अपना कैंप लगाकर लोगों को ज्ञान की बातों से अवगत कराते हैं जो भी श्रद्धालु संगम में स्नान करने के लिए आते है स्नान करने के बाद वह ऐसे धर्म गुरु के दर्शन पाकर अपने आपको गौरवान्वित महसूस करते हैं उनकी कहीं बड़ा कथाओं को बड़े श्रद्धा पूर्वक ग्रहण करते हैं
3.इलाहाबाद किला
अब प्रयागराज किला के नाम से जाना जाता है किले की दीवार काफी मजबूत और बहुत बड़े-बड़े लाल पत्थरों से बनी है इसमें एक मुख्य गेट है जिसका आकार बहुत ही विशाल है वर्तमान समय में सरकार ने इस में काफी बदलाव किए हैं अब इसको आर्मी कैंप के रूप में प्रयोग में लाया जा रहा है पूर्ण किला भारतीय संस्कृत की एक महत्वपूर्ण हुआ है
अभी यह बहुत अनोखा टूरिस्ट प्लेस बन चुका है जहां पर लोगों का आवागमन एक निश्चित सीमा तक खोला गया है इस किले का निर्माण मुगल सम्राट अकबर के द्वारा कराया गया था इसका मुख्य उद्देश्य अपने खिलाफ खड़े राजाओं से स्वयं को सुरक्षित करना था यह किला गंगा यमुना संगम के बहुत ही समीप स्थित है इसलिए इसका महत्व और भी बढ़ जाता है
प्रयागराज घूमने आए सभी लोग संगम स्नान के बाद इस किले के अंदर एक हिंदू मंदिर है अक्षय वट जिसको मुगल सम्राट अकबर के द्वारा बनवाया गया था इसके लिए लोग जाते हैं इस मंदिर का निर्माण भूमि के अंदर है जहां पर कई प्रकार की प्राचीन पत्थर की मूर्तियां स्थापित हैं जो कि मुगल सम्राट अकबर के समय की है इससे प्रयागराज जो पुराने इलाहाबाद के नाम से जाना जाता है बहुत ही अधिक बढ़ जाता है
4. आनंद भवन
अभी प्रयागराज में स्थित है जिसका पुराना नाम इलाहाबाद था नेहरू परिवार का निवास स्थान था जिसके अंदर वह अपने सपरिवार रहा करते थे वर्तमान समय में इसे एक म्यूजियम के रूप में तब्दील कर दिया गया है जहां पर स्वतंत्रता के समय कीअपनी ऐतिहासिक धरोहरों को सजीव पर रखा गया है
आनंद भवन का निर्माण 1930 में मोतीलाल नेहरू द्वारा किया गया था इसका नाम पंडित जवाहरलाल नेहरु की माता के नाम पर शायद रखा गया था आनंद भवन हमारी स्वतंत्रता संग्राम कार्य स्थलों में से एक महत्वपूर्ण स्थल है वर्तमान समय में इन भवन के अंदर प्रवेश करने के लिए आपको टिकट लेना पड़ेगा उसके बाद ही आप चंद्र प्रवेश कर पाएंगे इसके अंदर एक तारामंडल स्थापित किया गया है
जिसको के बाद आपको बहुत ही आनंद की प्राप्ति होगी जैसे ही आनंद भवन के अंदर प्रवेश करतेहैं तो उसके घर के आस-पास बहुत ही सुंदर तरह के फूलों को लगाया गया है हॉर्स पूरे आनंद भवन को हरियाली से सजा दिया गया यहां एक बहुत ही शांतिपूर्ण वातावरण अगर आप प्रयागराज में कभी आते हैं तो आनंद हॉल में एक बार जाकर अवश्य देखें
5. चंद्रशेखर आजाद पार्क
इस पार्क का निर्माण भारत के सबसे अमीर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी चंद्रशेखर आजाद की याद में बनवाया गया है इस बात का क्षेत्रफल बहुत विशाल का है इसमें एक छोटी सी म्यूजियम भी है जिसके अंदर चल शेखर आजाद जीके यादों को उनके किए गए कार्यों आज इस म्यूजियम में रखा गया है इस पार्थ का आकार बहुत ही विशाल का है
पार्क के अंदर अमर शहीद चल शेखर आजाद जी की एक विशालकाय मूर्ति का निर्माण करवाया गया है इस मूर्ति का निर्माण उस स्थान पर करवाया गया है जहां पर शेखर आजाद जी ने अपने देश की आजादी के लिए अपने आप को बलिदान कर वीरगति को प्राप्त हुए थे
इसके अंदर आज वकील भी मौजूद है जिस पेड़ के नीचे चंद्रशेखर आजाद जी ने अपने आप को गोली मारी थी और म्यूजियम के अंदर उस बंदूक और गोली को भी बहुत ही सख्त पहरे के अंदर रखा गया है अगर आप मिलजुल के अंदर जाते हैं तो आपको यह सब नजारे आपकी आंखों के सामने देखने को मिल सकते हैं इस नवीन करण सरकार द्वारा कराया गया है
इसके अंदर काफी तरह के बदलाव आए हैं पानी पीने की सुविधा बच्चों के खेलने के लिए स्थान और जॉब के लिए एक ट्रैक बनवाया गया जहां पर लोग प्रतिदिन जाकर जोगिंग करते हैं
6. लेटे हनुमान मंदिर प्रयागराज
आपको पता ही होगा प्रयागराज को तीर्थ राज्यों में से एक माना जाता है इसका विशेष कारण यह भी है कि प्रयागराज में संगम के नजदीक किलेके बगल में श्री हनुमान जी की बहुत ही विशालकाय मूर्ति जोकि लेटी हुई है इसलिए इस मंदिर को लेटे हनुमान जी मंदिर के नाम से पूरे विश्व भर में जाना जाता है
पुराणों में कहा गया है कि जब हनुमान जी संजीवनी बूटी लाने चित्रकूट जा रहे थे तो इस स्थान पर उन्होंने कुछ क्षण के लिए लेट कर विश्राम किया था इस मंदिर का निर्माण संकट मोचन समिति के द्वारा किया गया इस मंदिर में कुंभ मेले के दौरान श्रद्धालुओं की 2 से 3 किलोमीटर की लंबी लाइन लग जाती है हनुमान जी के दर्शन करने के लिए और हर मंगलवार को भी यहां पर
7. खुसरो बाग
प्रयागराज कुर्बानी की बेहतरीन कारीगरों द्वारा बनाया गया मकबरा है जिसको अकबर ने बनवाया था खुसरो बाग के अंदर बहुत ही कुशल कारीगरों द्वारा का निर्माण करवाया गया किस भाग्य के अंदर बहुत ही सुंदर तरह के फूलों का एक बगीचा और कई तरह के फाउंटेन का निर्माण करवाया गया है जो कि देखने में बहुत ही सुंदर लगता है इसरो बाग हमारी भारतीय इतिहास से संस्कृति को दर्शाने वाला एक सुंदर पर्यटन स्थल है खुसरो बाग वर्तमान समय में प्रयागराज के मेन रेलवे स्टेशन के बगल में स्थित है
8. प्रयागराज का चर्च
इस का निर्माण अंग्रेजों ने अपने काल में करवाया था जोकि दिखने में बहुत ही अद्भुत एवं विशालकाय है यह क्रिश्चियन धर्म मानने वालों के लिए वालों के लिए बहुत ही महत्व रखता है यह पर्यटक स्थल के रूप में भी जाना जाता है उसकी बनावट को देखकर लोग मंत्रमुग्ध हो जाते हैं बिना सेल्फी लिए
9. ब्रिज नैनी प्रयागरा
ब्रिज जमुना नदी को पार करने में सहायता करता है बनावट बहुत ही अद्भुत है अधिक गर्मी और अधिक ठंडी के मौसम में लोग यहां ब्रिज पर जाकर प्राकृतिक सौंदर्य का भरपूर लाभ उठाते हैं या ब्रिज बहुत ही पुराना है इसका निर्माण अंग्रेजों के समय में किया गया था जब अपने आप में ही एक अजूबा है
क्योंकि जब उस पर बड़ी-बड़ी गाड़ियां का आवागमन होता है तो यह ब्रिज कंपन करने लगता है ऐसा प्रतीत होता है कि गिरी जी थोड़ा ऊपर जा रहा है तो नीचे आ रहा है एक झूले की बात महसूस होता है आप उस दिन पर जाकर बात को जान पाएंगे ब्रिज के नीचे काफी बड़ी बड़ी फास्ट फूड की दुकान लगती हैं लोग अक्सर वहां पर घूमने के बाद यहां फेमस फास्ट फूड का आनंद उठाते हैं
10. अमिताभ बच्चन मार्ग
यदि आपने अपने जीवन काल में कोई भी फिल्म में देखा होगा तो अमिताभ बच्चन को भी जानते होंगे जो कि इन दिनों बॉलीवुड में छाए हैं जिनको बॉलीवुड का फादर ही कहा जाता है आपको बता दें कि बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन जी का जन्म इलाहाबाद में हुआ था जो कि वर्तमान समय में प्रयागराज के नाम से जाना जाता है वर्तमान समय में भी उनका घर उपलब्ध है लेकिन वह इसको बेचकर पूर्व रूप से मुंबई में सेटल हो गए हैं लेकिन आज भी घर के सामने से जो रोड जाती है उस रोड को बच्चन मार्ग के नाम से जाना जाता है